दोस्तों कभी-कभी हमारे जीवन
में ऐसे क्षण आते है जब हमें लगता है कि काश मैं इतनी हैसियत रखता की दुसरो की मदद
कर पाता | और जब हम उस मुकाम को पा लेते है तो हमें अपने से छोटे लोगो की मदद करने
में हीन भावना उत्पन्न होती है..हमें अपने मान-सम्मान, तथा अपनी ईज्जत का ख्याल
आता है.. और इस प्रकार की बदलाव हमारे
समाज में सदियों से चला आ रहा है.. किन्तु दोस्तों हमें याद रखना चाहिए की मनुष्य
कभी भी धन,बल और पद से बड़ा या छोटा नहीं होता .. क्यूंकि ये स्थायी नहीं होते.. मनुष्य
बड़ा होता है तो अपनी अच्छे कर्मो से, और अच्छे कर्म करने के लिए ना ही हमें अधिक
धन और बल की आवश्यक्ता होती है और ना ही बड़े पद की | आवश्यकता है तो सिर्फ एक
अच्छी सोच और एक दृढ़ विश्वास की | और इसके द्वारा हमें जो फल मिलता है वो अस्थायी
होता है और जीवन में आगे चलकर कही न कही जरुर लाभ पहुंचाती है | इन्ही विचारो को
प्रमाणित करने के लिए मैं आप लोगो के लिए एक सुन्दर सा लघु प्रेरक कथा लेकर आया
हूँ , जो एक सत्य घटना है.. उम्मीद है आप लोगो को जरुर पसंद आएगी |
मुसलाधार वर्षा के साथ ठण्ड अपने चरम पर थी | इसी मौसम में एक अधेड़ दम्पति ने Filadelphiya
के एक छोटे से होटल के Reception Clerk से एक कमरा देने का अनुरोध किया | Clerk ने
अपनी मज़बूरी बता कर कहा कि सारे कमरे घिरे हुए है | दम्पति यह सुनकर निराश होकर
बोले, ‘अब ऐसे मौसम में हम लोग कहाँ जाएं ?’ Receptionist ने कुछ देर सोचा और बोला
कि अगर आपको ऐतराज ना हो, तो मेरा एक अपना छोटा सा साधारण कमरा है, आप उसमे रात
गुजार सकते है | आगंतुक दम्पति ने उसको धन्यवाद् दिया और उसके कमरे में रात बिताई
| सुबह जाते समय असुविधा में सोते हुए Receptionist Clerk को जगाना उचित न समझकर
चले गए | इसके कई वर्षो बाद उस Clerk को एक पत्र मिला जिसके साथ Newyork की Flight
की Ticket भी थी | आश्चर्यचकित-सा Clerk , Newyork पंहुचा तो उसने देखा उसके
स्वागत में सालों पहले उसके कमरे में रात बिताने वाले वही महाशय खड़े थे | वह थे
America के प्रसिद्ध न्यायाधीश “Willium Welford Austo” दुसरे दिन वे उसे अपने साथ
लेकर Welford Austoria Hotel पहुचे | उन्होंने उस Clerk से कहा कि आज से आप इस
Hotel के Manager हो | Clerk बोला – ‘मैं मामूली से Hotel में काम करने वाला Clerk
क्या इतने बड़े Hotel का प्रबंध संभाल पाऊँगा ? न्यायाधीश ने कहा कि तुम साधारण
नहीं हो | तुम्हारे अन्दर मानवता का, दया का ऐसा गुण है जो केवल असाधारण व
प्रतिभावान व्यक्तियों में ही हो सकता है |
तो देखा दोस्तों एक Clerk न कि अपने पद के कारण, बल्कि अपने अच्छे व्यवहारों के कारण उनकी मदद किये और उनके
द्वारा किये गए अच्छे कर्म (सहायता) का फल उन्हें देर सही पर मिला जरुर. .. इसलिए
दोस्तों हमें कभी भी, कहीं भी ऐसा मौका या अवसर मिले तो निसंकोच मदद के लिए आगे
आना चाहिए | आप एक कदम बढाइये लोग आपको देखकर आपके साथ न चले तो कहना.....
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