-: समस्याओं
से न भागिये :-
अधिकतर लोग जीवन के सबसे
महत्वपूर्ण सत्य की ओर से पीठ किये रहते है | वे संताप करते रहते हैं कि उनकी
जिन्दगी में समस्याएं ही समस्याएं हैं | वे उनके बोझ की ही शिकायत करते रहते हैं |
परिवार में, मित्रो में इसी बात का रोना रोते रहते हैं कि उनकी समस्याएं कितनी
पेचीदी, कितनी दुखदायक है | यह न होती तो, उनका जीवन कितना सुखद और आसान होता |
समस्याए हमारे साथ क्या करती है? वे अपने स्वरुप के अनुसार या उनके प्रति हमारी
अपनी दृष्टि के अनुसार, हमारे मन में कभी निराशा तो कभी हताशा का भाव भरती हैं | कभी
व्यथा को जन्म देती हैं और कभी अपराध-बोध या फिर कभी खेद को | जिन्दगी फूलों भरा
रास्ता नहीं है | वह समस्याओं के काँटों से भरा है | लेकिन जीवन की राह फूलों भरी
हो सकती है | इन्ही समस्याओं का सामना करने, उन्हें सुलझाने में जीवन का अर्थ छिपा
हुआ है | समस्याएं तो दुधारी तलवार होती है | समस्याएं हमारे साहस, हमारी बुद्धिमता
को ललकारती हैं और दुसरे शब्दों में हममें साहस और बुद्धिमानी का सृजन भी कराती हैं
| मनुष्य की तमाम प्रगति, उसकी सारी उपलब्धियों के मूल में समस्याएं ही हैं | यदि
जीवन में समस्याएं नहीं हो तो सायद हमारा जीवन नीरस ही नहीं, जड़ भी हो जाता |
प्रख्यात लेखक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने सही ही कहा था, ‘जो बात हमें पीड़ा पहुंचाती
हैं, वही हमें सिखाती भी है |’ इसलिए समझदार लोग समस्याओं से डरते नहीं, उनसे दूर
नहीं भागते, बल्कि वे समस्याओं के प्रति भी सकरात्मक नजरिया विकसित करते हैं |